Monday, December 24, 2007

अपनी तो दुनिया ही कान्हा से है

AN HINDI POEM DEDICATED TO
LORD KRISHNA MY BELOVED
अपनी तो दुनिया ही कान्हा से है

खुशी भी कान्हा से है,
गम भी कान्हा से है,

तकरार भी कान्हा से है,
प्यार भी कान्हा से है,

रुठना भी कान्हा से है,
मनाना भी कान्हा से है,

बात भी कान्हा से है,
मिसाल भी कान्हा से है,

नशा भी कान्हासे है,
शाम भी कान्हा से है,

जिन्दगी की शुरुआत भी कान्हा से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी कान्हा से है,

मौहब्बत भी कान्हा से है,
इनायत भी कान्हा से है,

काम भी कान्हा से है,
नाम भी कान्हा से है,

ख्याल भी कान्हा से है,
अरमान भी कान्हा से है,

ख्वाब भी कान्हा से है,
माहौल भी कान्हा से है,

यादे भी कान्हा से है,
मुलाकाते भी कान्हा से है,

सपने भी कान्हासे है,
अपने भी कान्हा से है,

या यूं कहो यारो,
अपनी तो दुनिया ही कान्हा से है

3 comments:

Anonymous said...

JAI SHRI KRISHNA

NAMASKAAR,keep burning d lamp f enlightenment!!!

dr.anjan said...

:) another good one!!

Unknown said...

ahut accha laga dear ur so nice