AN HINDI POEM DEDICATED TO LORD KRISHNA ON GEETA JAYANTI 20th December,2007
प्यारे कान्हा को गीता जयंती पर समर्पित मेरी
इक छोटी सी कविता
कान्हा प्यारे आपने यदि मुरली सुनाई न होती
मेरे हृदय मे यदि गीता ग्यान सरिता बहाई न होती
इस बेसमझ को कभी भी अकल आई न होती
मेरी माया के चक्रव्यूह से जान छुड़ाई न होती
कर्म में निष्कामता की योजना समझाई न होती
मुझ बेवकूफ के दिल में प्रेमाभक्ति फैलाई न होती
इस स्वार्थी सँसार से मेरी मानसिक रुसवाई न होती
७०० श्लोकों में सकल ग्यान की अमर गाथा सुनाई न होती
कृपासिंधु दयासिंधु मेरे कान्हा यूँ करुणा बरसाई न होती
निर्गुणी मैं कोई गुण नहीं कहीं मेरी सुनवाई न होती
मेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा
मेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
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6 comments:
Jai Shri Krishn
ati sundar.........gita jayanti ki aapko bhi hardik shubhkaamnayen.
bahut hi pyaari hai,aapki kavita....aise hi pyaare geet sunate va banate rahiye.....taaki hum jaise bhi usko padhkar PRABHUJI ko sunate rahein.
HARE KRSHNA
that was a great poem....thanks to god for sending me such a friend who is so dedicated and making me closer to kanha also...and also makin me more knowledgable
HARE KRISHNA!
ITS BEAUTIFUL.
LOVELY!!!!!
SIMPLY GREAT.....
jai shri krishna
you are one of the richest person on the earth having love of lord krishna
krishna prem me dubo do is dunika ko
krishnmya kar do duniya ko
jai shri krishna
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